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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869  ई. में हुआ था। उसके पिताजी का नाम करमचंद गांधी और माता जी का नाम पुतलीबाई था।           उनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और उसके आसपास हुई थी। 4 दिसंबर 1888 ईस्वी में वे वकालत की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी लंदन गए। 1813 ईसवी में उनका विवाह कस्तूरबा से हुआ ।जो स्वाधीनता संग्राम में उसके साथ साथ कदम से कदम मिलाकर चली। गांधीजी के जीवन में दक्षिण अफ्रीका के प्रवास का ऐतिहासिक महत्व है। 1893 से 1914 ईस्वी तक दक्षिण अफ्रीका में गुजारा। वहीं से उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ अहिंसा का पहला प्रयोग किया। 1915 ईस्वी में गांधी जी भारत लौट आए और स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। आजादी के लड़ाई में उन्होंने सत्य का प्रयोग किया। सत्य और अहिंसा उनका प्रमुख हथियार था। उन्होंने स्वराज का मांग किया ।सर्वोदय का कार्यक्रम चलाया। स्वदेशी का नारा दिया।समाज में व्याप्त भेदभाव को मिटाने की कोशिश की। अंततः अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी दिलाई। गांधीजी के संबंध में जितना लिखूं काम है। उन्हें रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने ' महात्...

Happy Red Cross Day 2020

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   जीन हेनरी डुनेंट, रेड क्रॉस के संस्थापक   वर्ल्ड रेड क्रॉस डाय डे   ।अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट आंदोलन के सिद्धांतों का एक वार्षिक उत्सव है।  विश्व रेड क्रॉस रेड क्रिसेंट दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। इसी दिन  8 मई 1828 को जीन हेनरी  पैदा हुए थे। वह रेड क्रॉस (ICRC) की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक हुए। "वार्षिक कार्रवाई जो पूरी दुनिया में हो सकती है ... के लिए विचार ... जो कि शांति के लिए एक बड़ा योगदान होगा" को प्रथम विश्व युद्ध के ठीक बाद पेश किया गया था। इस पहल को "रेड क्रॉस ट्रूस" के रूप में जाना जाता है, द्वारा अध्ययन किया गया था।  रेड क्रॉस के 14 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग की स्थापना।  1934 में टोक्यो में रेड क्रॉस के 15 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए प्रस्तुत इसकी रिपोर्ट को मंजूरी दी गई थी।  द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, 1946 में ही, रेड क्रॉस सोसाइटीज़ (LRCS) द्वारा टोक्यो प्रस्ताव का अध्ययन किया गया था, जिसका नाम बदलकर 1991 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेड क्...

Happy Budh Purnima 2020 full story about Siddharth to Budh.

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हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा 2020 भगवान गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु के लुंबिनी नमक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम शुद्धोधन और माता का नाम मया देवी था। शुद्धोधन शाक्य गण के मुखिया थे।        गौतमबुद्ध के माता माया देवी की मृत्यु इनके जन्म के सातवें दिन ही हो गई।तब गौतमबुद्ध का ललन पालन उनकी सौतेली माता प्रजापति गौतमी ने की।गौतमबुद्ध का बचपन का सिद्धार्थ था।उनके सौतेली माता के आधार से ही उन्हें गौतम कहा जाने लगा। गौतमबुद्ध का विवाह  यशोधरा के साथ हुआ।तब बुद्ध मात्र 16 वर्ष के थे। इसके बाद बुद्ध को एक पुत्र हुआ।जिसका नाम राहुल रखा गया। बुद्ध जब सैर  कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होंने निम्न चार वस्तुओं को देखा ----- बूढ़ा व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति, शव और एक सन्यासी। सांसारिक समस्याओं से दुःखी होकर बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में गृह त्याग किया। जिन्हें बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा जाता है। गृह त्याग करने के बाद बुद्ध ने वैशाली के आलार -कलाम से संख्या दर्शन की शिक्षा ग्रहण की।  आलार कलाम  बुद्ध के प्रथम गुरु हुए। अलार कलाम के...

An Act Of A Little Braver Mohan

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There was a jeep on the road in front of shop. Mohan saw two men putting a heavy bag into the jeep.       "This is strange," Mohan thought. "I must find out more." He got off his bicycle and hid it behind a big tree.Then men went back to the shop and again come out through the open door. They were carrying another bag to the jeep.        One of them whispered to the other, "Ah these pearls will get us a lot of money. We can share it equally."         At once Mohan knew that they were thieves. He was a little afraid. His heart began to bbeat fast. He was worried.          The thieves again went back to bring bag.Mohan immediately ran to the jeep and let out the air from all four tyres.After that he got on his bicycle and cycled at top speed to the nearby police station. Mohan and police inspector. Mohan told about the police inspector about the thieves. He added, " I have let out the air from the ...

भारत के संविधान की प्रस्तावना के बारे में ख़ास बातें (About Indian Constitution Preamble

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भारतीय संविधान की उद्देशिका। भारतीय संविधान । नेहरू जी द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य संकल्प में को आदर्श प्रस्तुत किया गया था।उन्हें है संविधान की उद्देशिका में शामिल कर लिया गया। संविधान के 42वें संशोधन द्वारा संसोधित यह उद्देशिका इस प्रकार है ---------------                 "हम भारत कर लोग, भारत को एक सम्पूर्ण   प्रभुत्व संपन, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य  बनाने के लिए  तथा उसके समस्त नागरिकों को  :                      सामाजिक ,आर्थिक और राजनीतिक न्याय,             विचार ,अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की                   स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में             व्यक्ति की गरिमा और रास्ट्र की  एकता और अखंडता               सुनिश्चित करने वाली बंधुआ बढ़ाने के लिए। दृढ़ - ...

quatos

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कुछ बड़ा करने के लिए रिस्क तो लेना पड़ता है। योगी साजन यादव

महल दर महल बनाना।

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एक समय की बात है।राजू अपना पढ़ाई विदेश में कर रहा था।विदेश में बहुत दिन रहने के कारण स्वदेशी सभ्यता भूल चुका था।राजू शहर के सबसे मशहूर बिजनेसमैन सिंघानिया का  बेटा था।एक दिन अचानक सिंघानिया का तबीयत खराब हो गया।सिंघानिया अपने बेटा को फोन किया और स्वदेश लौटने को बोला।राजू भी तुरण स्वदेश का फ्लाइट पकड़ लिया।राजू घर आकर पिताजी के पास पहुंचा। सिंघानिया राजू को तीन मंत्र बताए। 1) महल दर महल बनाना। 2)दरवाजे पर हाथी बांधना  3)अगर समझ में नहीं आए तो तीन पैर के आदमी से पूछना। इतना कहते ही सिंघानिया का प्राण शरीर छोर दिया। सिंघानिया का क्रिया -क्रम हुआ।तब उनका बेटा, पिताजी के इच्छा को पूरा करने में जुट गया। कुछ कारखाने बेचकर, महल दर महल बनाया। जो बचा हुआ कारखाना था ,बेचकर हाथी खरीद लाए। कुछ दिन बीतने के बाद सारा रकम खत्म हो गया। राजू को खाने का भी लाले पड़ने लगे। अब राजू निकाला तीन पैर के आदमी के खोज में। चारों तरफ खोजा, कहीं नहीं तीन पैर का आदमी मिला। राजू काफी पदेशन था। मन को हल्का करने के लिए वह सड़क पर टहल रहा था।तभी वहां से एक बुजुर्ग व्यक्ति हाथ में लाठी लेकर गुजर रहे थे।राजू का न...

जिंदगी एक बगीचा है,हर पल एक फूल।

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जिंदगी एक बगीचा है। पिताजी को गुजरने के बाद सोनू काफी उदास रहने लगा था। अंदर अंदर बहुत कुछ सोच रहा था। सोचते सोचते काफी हद तक कमजोर भी हो गया था। बेटा को इस हाल में देखकर मा से रहा नहीं गया।उसे डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने सोनू का चेकअप किया।चेकअप में कोई बिमारी नहीं ठहरा।    डॉक्टर साहब सोच में पड़ गए। इसे कोई बीमारी नहीं है तो फिर यह इतना कमजोर क्यों होता जा रहा है? फिर सोनू की मां ने डॉक्टर साहब को उनके पिताजी को गुजरने का कहानी सुनाई। डॉक्टर साहब समझ गए की इसे दवाई कि नहीं ,कुछ मोटिवेशनल और कुछ इंस्पायरिंग मोमेंट की जरूरत है। फिर डॉक्टर साहब सोनू को अपने गार्डन में ले गए। और सोनू से बोले, इनमें से तुम्हें एक सुंदर फूल तोड़ना है। एक शर्त भी है कि, तुम जिस फूल के पास से गुजर जाओगे उसके पास दोबारा नहीं आओगे। सोनू ने शर्त को मंजूर किया और फूल चुनने के लिए आगे बढ़ गया। बगीचा में घुसते ही उसे एक से बढ़कर एक बढ़िया फूल दिखाई दिया। सोनू सबसे सुंदर फूल के लालसा में आगे बढ़ता चला गया। अंतिम फूल के वृक्ष के पास उसे सिर्फ मुरझाया हुआ फूल मिला।   फिर डॉक्टर साहब ने सोनू को समझाय...

कहानियां जो आपकी जिंदगी बदल दे।

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बहुत समय पहले की बात है। मोहन प्रत्येक दिन एक जगह पर बैठ कर भीख मांगा  करता था।पास में मंदिर था ।आने जाने वाले कुछ दे दिया करते थे।मोहन भी हर आने जाने वाले से भीख देने का इशारा करता था।             एक दिन भगवान के दर्शन करने शहर के मशहूर बिजनेसमैन रमेश बाबू पहुंचे। भिखारी ने रमेश बाबू से भी भीख मांग लिया।https://yogisajjankumarart.wordpress.com/wp-admin/ रमेश बाबू उसके पास जाकर बैठ गए और प्यार से बात करने लगे।रमेश बाबू,"आप ये काम कितने दीनों से कर रहे है?? भिखारी ने जबाव दिया दस साल से कर रहा हूं।साहब! रमेश बाबू पुनः पूछ बैठे। इतने दिनों में आप कितने लोगो को कुछ दिए है? मोहन बोला, साहब मैं भिखारी हूं। कहां से कुछ दूंगा? रमेश बाबू उस भिखारी से कहा " जो किसी को कुछ दे नहीं सकता उसे मांगने का भी अधिकार नहीं है"। यहां भी विजिट करें। ये बात भाखरी के दिमाग में गूंजने लगा।अगले दिन वह भीख मांगने नहीं आया ।घर पर लेटे लेटे सोचने लगा अब मैं क्या करू? फिर जाकर एक आइडिया आया। क्यों न हम जंगल से कुछ फूल तोड़कर लाए और लोगो को दे? वही हुआ अगले दिन सवेरे जग कर मोहन जंग...

Actor Irfan khan died!

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बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान अब हमारे बीच नहीं रहे। इरफान ने अपनी एक्टिंग,दमदार आवाज और अपने व्यवहार से बॉलीवुड में एक खास जगह बनाया, लेकिन इसको हासिल करने के पीछे उनकी एक संघर्षपूर्ण कहानी भी है। इरफान खान जयपुर के एक सामान्य परिवार से थे ,और उन्होंने कड़ी मेहनत कर बॉलीवुड में यह मुकाम हासिल किया था। इस मुकाम को हासिल करने में उनकी गर्ल फ्रेंड ने बखूबी साथ दिया ।  बाद में उसी लड़की से उसका निकाह हुआ। इरफान खान जयपुर में एक लोवर मिडिल क्लास घर में जन्मे थे। इरफान घर के सबसे बड़े बेटे थे इसलिए उनपर जिम्मेदारियां भी काफी थी। लेकिन बचपन से ही वह एक्टर बनने चाहते थे इसीलिए वह घर में झूठ बोलकर दिल्ली आ गए और दिल्ली आकर थियेटर कोर्स करना चाहते थे। अफसोस ये रहा कि दिल्ली आने के बाद भी इरफान का प्रवेश एनएसडी- नेशनल ड्रामा स्कूल में नहीं हुआ। उसी वक्त उनके पिता का देहांत भी हो गया। Actor Irfan khan who is no more! फिर इरफान ने दिकॉमेंट्री फिल्म बनाया जिसे देखकर उसे बड़े पर्दा पर चांस मिला। इरफान काफी समय से बीमार चल रहे थे।इरफान का यू गुजर जाना हिन्दुस्तान की अपूरणीय छती है।